सोमवार यानी 6 नवंबर को श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच खेले गए मैच में कुछ ऐसा देखने को मिला, जो क्रिकेट के इतिहास में अबतक नहीं देखा गया था। दरअसल, दिल्ली में खेले गए इस मैच के दौरान क्रिकेट के इतिहास में पहली बार किसी खिलाड़ी को Time Out दिया गया और इसका शिकार बनने वाले खिलाड़ी थे श्रीलंका के दिग्गज ऑलराउंडर Angelo Mathews।
इसके बाद से ही सोशल मीडिया से लेकर हर जगह मैथ्यूज का टाइम आउट विवाद ही छाया हुआ है। इस मामले पर फैंस के साथ क्रिकेट जगत के कई दिग्गजों ने भी अपनी राय दी है, जिसमें कुछ मैथ्यूज को सही बता रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि Shakib Al Hasan ने खेल भावना का अपमान किया है। ऐसे में अब इसी कड़ी में टीम इंडिया के तेज गेंदबाज Jaydev Unadkat ने भी इस मामले पर अपनी राय रखी है और इस दौरान उन्होंने मैथ्यूज को गलत बताते हुए उनकी खूब क्लास लगाई है।
Jaydev Unadkat ने मैथ्यूज की लगाई क्लास
आपको बता दें कि 32 वर्षीय तेज गेंदबाज ने मैथ्यूज की क्लास लगाते हुए कहा है कि ये उनके घर का आंगन नहीं है। उन्होंने एक ट्वीट शेयर करते हुए लिखा था कि, ‘यही वजह है कि निष्कर्ष पर पहुंचने और सहानुभूति जताने से पूर्व आपको दोनों पक्षों को सुनना चाहिए। यह क्रिकेट का मैदान है, ना कि आपके घर का आंगन है, जहां आप आराम फरमा सकते हैं।’
वहीं इसके आगे उनादकट ने लिखा कि, ‘यदि आप खेल भावना की उम्मीद करते हैं तो पहले खुद पहल (अपने उपकरण को बदलने से पहले अंपायर से इजाजत लें। ऐसे न घूमे जैसे आपको नियम का कुछ परवाह ही नहीं है।) कीजिए।” जयदेव के इस पोस्ट के सामने आते ही सोशल मीडिया पर ये चर्चा का विषय बन गया और इसलिए उन्होंने इस पोस्ट को थोड़ी ही देर में डिलीट कर दिया।
Dramatic scenes in Delhi with Angelo Mathews becoming the first batter to be timed out in international cricket 👀
— ICC (@ICC) November 6, 2023
Details 👉 https://t.co/Nf8v8FItmh#BANvSL #CWC23 pic.twitter.com/VwjFfLHOQp
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि इस मैच के दौरान एंजलो मैथ्यूज ग्राउंड पर आ तो गए थे, लेकिन तभी उनके हेलमेट का स्ट्रैप टूट गया और वो उसके रिपलेस्टमेंट के लिए क्रीज से हटकर दूसरे हेलमेट की मांग करने लगे, तभी शाकिब ने अंपायर के सामने अपील कर दिया और अंपायर ने इसपर चर्चा करने के बाद मैथ्यूज को टाइम आउट करार दे दिया, जिसके बाद मैदान पर ताना तनी का माहौल बन गया, लेकिन आखिरकार उन्हें निराश मन से मैदान के बाहर जाना ही पड़ा।