BCCI President – भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली रणजी टीम के पूर्व कप्तान मिथुन मन्हास बोर्ड के अगले अध्यक्ष बन सकते हैं।
शनिवार रात दिल्ली में बीसीसीआई अधिकारियों और पूर्व वरिष्ठ पदाधिकारियों की बैठक में मन्हास का नाम सर्वसम्मति से आगे आया। उन्हें जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ (JKCA) ने वार्षिक आम बैठक (AGM) के लिए नामित किया था।
मिथुन मन्हास पर बनी सहमति
बीसीसीआई अध्यक्ष पद की दौड़ में एक और नाम था—पूर्व भारतीय स्पिनर रघुराम भट्ट। लेकिन यह तय हुआ कि एक ही क्षेत्र और एक ही संघ से लगातार अध्यक्ष नहीं होने चाहिए। मौजूदा अध्यक्ष रोजर बिन्नी कर्नाटक से हैं और भट्ट भी उसी राज्य क्रिकेट संघ से आते हैं। ऐसे में मन्हास पर सभी ने सहमति जताई।
सूत्रों के अनुसार, भट्ट को बोर्ड में कोषाध्यक्ष का पद मिल सकता है। वहीं सचिव देवजीत साकिया और उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला अपने पद पर बने रहेंगे।
मन्हास का क्रिकेट करियर
45 वर्षीय मिथुन मन्हास का घरेलू क्रिकेट करियर शानदार रहा है। उन्होंने 18 साल लंबे करियर में 157 फर्स्ट क्लास मैच खेले और 9,714 रन बनाए। हालांकि, उन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट में कभी मौका नहीं मिला। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह पहले ऐसे बीसीसीआई अध्यक्ष होंगे जिन्होंने भारत के लिए कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला है।
इसके अलावा, मन्हास दिल्ली रणजी टीम के कप्तान रह चुके हैं। वह दलीप ट्रॉफी के लिए उत्तर क्षेत्र के संयोजक रहे, आईपीएल फ्रेंचाइज़ी गुजरात टाइटन्स के सहायक स्टाफ का हिस्सा रहे और फिलहाल जम्मू और कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) के प्रशासक हैं।
बीसीसीआई अध्यक्षों की प्रोफाइल
हाल के वर्षों में बोर्ड प्रमुखों में कई हाई-प्रोफाइल नाम रहे हैं। सौरव गांगुली 2019 में बीसीसीआई के सबसे चर्चित अध्यक्ष बने। मौजूदा अध्यक्ष रोजर बिन्नी भारत के वर्ल्ड कप विजेता रहे। मन्हास का चयन इसलिए भी खास है क्योंकि उनका करियर घरेलू क्रिकेट तक सीमित रहा है।
बीसीसीआई अध्यक्ष पद की अहम तारीखें
प्रक्रिया | तारीख |
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नामांकन दाखिल | 20–21 सितंबर |
उम्मीदवारों की अंतिम सूची | 23 सितंबर |
AGM बैठक | 24 सितंबर (संभावित) |
नई जिम्मेदारी की तैयारी
मिथुन मन्हास का अध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा है क्योंकि किसी कड़े मुकाबले की संभावना नहीं दिख रही। उनका चयन बीसीसीआई के लिए एक नई दिशा साबित हो सकता है, जहां घरेलू क्रिकेटरों की भी बोर्ड संचालन में अहम भूमिका दिखेगी।